गुरुग्राम में शुरू हुआ 750 एकड़ का ‘मातृ वन’, दिल्ली-NCR को मिलेगा नया हरा जीवन
गुरुग्राम में बना 'मातृ वन': 750 एकड़ का हरित क्षेत्र, दिल्ली-NCR की हरियाली को मिलेगा नया जीवन
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर 750 एकड़ में फैले 'मातृ वन' (Matri Van) का उद्घाटन किया। यह खास वन क्षेत्र 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य है दिल्ली-NCR के पर्यावरण को बेहतर बनाना और लोगों को प्रकृति से जोड़ना।
क्या है 'मातृ वन'?
‘मातृ वन’ एक थीम पर आधारित शहरी जंगल है जिसे अरावली पहाड़ियों में विकसित किया गया है। इसमें आम लोगों, स्कूलों, कंपनियों, समाजसेवी संस्थाओं और सरकार की भागीदारी से हजारों देसी पेड़ लगाए जाएंगे। जंगल में लगे पेड़ होंगे – नीम, पीपल, बरगद, इमली, बांस, बेल पत्र, गुलर, कदंब, सेमल और अरावली की खास प्रजातियाँ जैसे ढाक, सालर, खैर।
क्या-क्या सुविधाएं होंगी?
इस जंगल में केवल पेड़ ही नहीं, बल्कि बहुत कुछ खास होगा जैसे:
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बोधि वाटिका (बरगद और पीपल के पेड़)
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बांस वाटिका, फूलों की वाटिका, खुशबू वाली वाटिका
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औषधीय पौधों का सेक्शन
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नक्षत्र और राशि के अनुसार पेड़
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तितली उद्यान और कैक्टस गार्डन
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योग करने की जगह, साइकिल ट्रैक और वॉकिंग पथ
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चारों कोनों पर पार्किंग, शौचालय, बैठने के शेड
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पानी बचाने के लिए जल निकाय और रीसायकल पानी से सिंचाई
क्यों जरूरी है यह प्रोजेक्ट?
मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसे दिल्ली-NCR का “हार्ट और लंग्स” बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच का हिस्सा है जिसमें स्थानीय पेड़ों से अरावली को फिर से हरा-भरा किया जाएगा। मंत्री मनोहर लाल ने भी लोगों से पेड़ लगाने की परंपरा अपनाने और ‘वन मित्र’ बनने की अपील की।
इस पहल से क्या फायदा होगा?
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दिल्ली-NCR का प्रदूषण घटेगा
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लोगों को प्रकृति के पास आने का मौका मिलेगा
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बच्चों और युवाओं को पर्यावरण की शिक्षा मिलेगी
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गुरुग्राम एक हरा-भरा शहर बनकर उदाहरण बनेगा
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रोजगार और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा