भारत की अर्थव्यवस्था को रफ्तार: महंगाई में राहत, रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचा निर्यात
भारत की अर्थव्यवस्था को मिला रफ्तार: महंगाई घटी, निर्यात बढ़ा, लोगों को राहत
भारत की अर्थव्यवस्था अब मजबूती की ओर बढ़ रही है। महंगाई में गिरावट और निर्यात में तेज़ी ने आम लोगों को राहत दी है और देश की आर्थिक स्थिति को और बेहतर बना दिया है।
महंगाई में बड़ी गिरावट
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CPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) के मुताबिक, महंगाई जून 2025 में घटकर 2.10% रह गई, जो जनवरी 2019 के बाद सबसे कम है।
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खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट (जैसे सब्जियाँ, दालें, दूध, मछली, मसाले) ने इस गिरावट में अहम भूमिका निभाई है।
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ग्रामीण इलाकों में महंगाई 1.72% तक आ गई है, जिससे वहां रहने वालों को भी बड़ी राहत मिली है।
कृषि और उत्पादन में बढ़त
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धान का उत्पादन 1490.74 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया है।
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गेहूं उत्पादन 1175.07 लाख मीट्रिक टन हो गया है, जो पिछले साल से काफी ज़्यादा है।
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सरकार ने ओपन मार्केट स्कीम, आयकर छूट सीमा ₹12 लाख तक बढ़ाना और आयात-निर्यात पर नियंत्रण जैसी नीतियाँ अपनाई हैं।
ब्याज दरों में कटौती
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RBI ने जनवरी 2025 में रेपो रेट 6.5% से घटाकर 5.5% कर दिया है, जिससे कर्ज सस्ता हुआ है और बाजार में निवेश बढ़ा है।
व्यापार और निर्यात में उछाल
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2025-26 की पहली तिमाही में निर्यात $210.31 बिलियन तक पहुँच गया, जो पिछले साल से 5.94% ज़्यादा है।
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सेवा क्षेत्र का निर्यात $98.13 बिलियन हुआ, जो 10.93% की बढ़त है।
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इलेक्ट्रॉनिक सामान, चाय, जूट, मीट, डेयरी, अनाज आदि में खास बढ़ोतरी हुई है।
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भारत ने FY 2024-25 में कुल $824.9 बिलियन का निर्यात किया, जो अब तक का रिकॉर्ड है।
सरकार की बड़ी योजनाएं
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Foreign Trade Policy 2023, RoDTEP, Districts as Export Hubs जैसी योजनाओं से छोटे और मझोले कारोबारों को बढ़ावा मिला है।
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PLI स्कीम, PM GatiShakti, और National Logistics Policy से मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक्स को मजबूत किया गया है।
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Bharat Mart (दुबई) और MSME Export Facilitation Centres छोटे कारोबारियों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार तक पहुंचा रहे हैं।
आगे का लक्ष्य
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भारत की वास्तविक GDP 2024-25 में 6.5% बढ़ी है।
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2025-26 में भी इसी रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है।
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2030 तक भारत की GDP $7.3 ट्रिलियन तक पहुँच सकती है, जिससे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।