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जानिए गिलोय के अद्भुत फायदे, स्वास्थ्य के लिए रामबाण औषधि

अगर आप भी Giloy ke fayde जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि आप सही पर बेबसाइट पर पहुंच चुके हैं आइए अब गिलोय के फायदे जानें।

गिलोय के ढेरों फायदे जानें - Giloy Benefits in Hindi

Giloy ke Fayde in Hindi

अगर आप भी Giloy ke fayde जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि आप सही पर बेबसाइट पर पहुंच चुके हैं आज के इस पोस्ट में हम Giloy Benefits in Hindi के बारे में विस्तार पूर्वक जानेंगे।


गिलोय को इंग्लिश में टीनोस्पोरा कार्डिफ़ोलिया के नाम से जाना जाता है। गिलोय एक प्रकार की बहू-वर्षीय बेल यानी कि लता होती है। इसके पत्ते पान के पत्ते के जैसे दिखाई देते हैं। इसके ढेरों फायदे होने के कारण आयुर्वेद में गिलोय को अनेकों नामों से जाना जाता है।


यथा अमृता, गुडूची, छिनरूहा, चक्रांगी, आदि। इन सभी नामों से आयुर्वेद में गिलोय को जाना जाता है। अमृत के समान लाभकारी होने से गिलोय का नाम अमृता भी है आयुर्वेद में गिलोय को ज्वर की उत्तम औषधि माना गया है अर्थात इसे जीवंतिका नाम दिया गया है।


अक्सर गिलोय की बेल जंगलों पहाड़ों की चट्टानों या फिर गांव में एक जंगल में आसानी से मिल जाती है इसके अलावा गिलोय की बेल किसी पेड़ पर लिपटी हुई भी मिल सकती है। क्योंकि कई बार अन्य पेड़ों पर यह कुंडलीनुमा आकार की बेल उपस्थित पाई जाती है।


इसके अलावा गिलोय की लताएं आम और नीम के वृक्ष के आसपास भी पाई जाती हैं। जिस किसी भी वृक्ष को आधार बना कर उस पर लिपटी रहती हैं उस वृक्ष के गुण भी गिलोय के अंदर पाए जाते हैं।

    आयुर्वेदाचार्य की माने तो नीम के वृक्ष के ऊपर लिपटी हुई गिलोय की बेल या फिर नीम के वृक्ष के ऊपर पाई जाने वाली गिलोय सर्वाधिक गुणों से भरपूर होती है। नीम खुद में ही अत्यंत गुणकारी है इसलिए इस वृक्ष के ऊपर पाई गई गिलोय अधिक गुणकारी औषधि मानी जाती है।


    यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति गिलोय का सेवन सही ढंग से करता है तो वह अनेकों रोगों से अपने शरीर का बचाव कर सकता है। डेंगू और फीवर का गिलोय अच्छा इलाज माना जाता है। यह रोगी को जल्दी ठीक करने में सहायता करता है। बुखार को उतारना हो या हड्डियों का दर्द दूर भगाना हो गिलोय कई सारी गंभीर बीमारियों से बचाने में लाभकारी है।


    यह काफी पुरानी औषधि है जिसका इस्तेमाल सदियों से कई सारे रोगों के बचाव के लिए किया जाता है।

    गिलोय के फायदे (Giloy Benefits in Hindi)

    1. गिलोय में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।
    2. गिलोय के अंदर anti-inflammatory प्रॉपर्टीज पाई जाती है।
    3. गिलोय के अंदर कॉपर, ग्लूकोसाइड और फास्फोरस भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
    4. गिलोय के अंदर कैल्शियम, जिंक और Magnesium जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं।
    5. यह लाभकारी बेल रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है।
    6. डॉक्टर्स का कहना यह है यह जीवन रक्षक पौधा है जो कि बुखार में प्लेटलेट्स के गिरने पर उसे रोकने का काम करता है।
    7. यह डायबिटीज के रोगियों के लिए रामबाण उपाय है।
    8. यदि किसी व्यक्ति की लाइफस्टाइल अस्त व्यस्त रहती है तो वह गिलोय का सेवन करके इसे ठीक कर सकता है।
    9. त्वचा रोगों से मुक्ति पाने के लिए गिलोय काफी लाभकारी है। इसके सेवन से स्किन काफी सॉफ्ट रहती है।
    10. पाचन तंत्र और शुगर को मेंटेन रखने के लिए गिलोय का सेवन कर सकते हैं।

    गिलोय का सेवन कैसे करें

    आप गिलोय का सेवन करने के लिए इसके तने या पत्तों को सुखाकर एक पाउडर बना सकते हैं। वैसे तो गिलोय से संबंधित काफी सारी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट मार्केट में अवेलेबल है। जैसे की गिलोय की गोलियां और पाउडर यह सभी मार्केट में उपलब्ध प्रोडक्ट को आप खरीद सकते हैं।

    बुखार में गिलोय का सेवन काढ़ा रस या फिर पाउडर के रूप में कर सकते हैं। इस प्रकार से गिलोय का सेवन करने से कम से कम समय में आप अपने शरीर को गिलोय के गुण से भर सकते हैं। जोकि बीमारियों से आपके शरीर का बचाव करेंगे।


    अब तक आप गिलोय की ढेरों विशेषताओं और इसके गुणकारी तत्व के बारे में जान चुके होंगे और हर व्यक्ति को Giloy Ke Fayde के बारे में पता होना चाहिए क्योंकि यह रोगों से बचाव में काफी लाभकारी है।


    जिन लोगों की शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम होती है वह गिलोय का सेवन करके इसे बढ़ा सकते हैं। इस बात में कोई शक नहीं है कि गिलोय का सेवन सही मात्रा और सही तरीके से करने पर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता निवृत्ति होती है। इसके साथ ही हम आपको बता दें कि गिलोय के सेवन से वायरल बीमारियों और इंफेक्शन से बचा जा सकता है।


    गिलोय डेंगू में अधिक फायदेमंद होता है गिलोय और पपीते के पत्ते का रस को बराबर मात्रा में लेने से प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से बढ़ती है। ब्लड में बढ़ते हुए शुगर लेवल को मेंटेन रखने में गिलोय असरदार है। 


    यदि आपको एनीमिया है तो गिलोय के 2 पत्तों का रस रोज लेने से एनीमिया जैसे रोगों को भी ठीक किया जा सकता है। क्योंकि इसके सेवन से खून की कमी भी दूर होती है।


    इसके अलावा एलोवेरा और गिलोय के दो दो चम्मच जूस रोज लेने से त्वचा संबंधित बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके सेवन से आपकी त्वचा चमक उठती है। 

    गिलोय का काढ़ा बनाने का तरीका

    कुछ लोग गिलोय के पत्तों का काढ़ा भी बनाते हैं लेकिन सही मायने में गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए आपको इसके तने क्या बेल की लकड़ी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके तने में गोल गोल दाने से बने होते हैं। आइए अब गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि जानते हैं

    1. सबसे पहले गिलोय के तने का 10 इंच लंबा टुकड़ा लें और उसे अच्छे से धो लें।
    2. अब इस 10 इंच लंबे टुकड़े को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
    3. अब गिलोय के छोटे-छोटे टुकड़ों से इसका छिलका उतारें जोकी हाथ से आसानी से निकाला जा सकता है।
    4. अब इन टुकड़ों को बीच से काटकर सिलबट्टे की मदद से अच्छे से कूट लें।
    5. पतीले में 4 कप पानी डालें और उसमें टूटा हुआ गिलोय डालकर धीमी आंच पर उबलने के लिए रख दें।
    6. बीच-बीच में ढक्कन उतार कर इसे हिलाते रहें।
    7. अच्छे से पकने के बाद गिलोय का रंग और गुण पानी में समा जाएगा।
    8. अब गिलोय का काढ़ा अच्छे से छान लें।
    9. बुखार होने पर सुबह खाली पेट और शाम को एक कप गिलोय का काढ़ा पीएं।
    10. ध्यान रखें की गिलोय का काढ़ा अधिक मात्रा में सेवन ना करें।

    गिलोय के सेवन में सावधानियां

    1. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार प्रतिदिन 2 ग्राम पाउडर और 2 से 3 इंच गिलोय के टुकड़े से ज्यादा का सेवन नहीं करना चाहिए।
    2. गिलोय शुगर लेवल कम करने में सहायक है इसलिए लो डायबिटीज के मरीजों को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
    3. प्रेगनेंसी के दौरान गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
    4. यदि आप किसी रोग से पीड़ित हैं तो गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

    गिलोय के पत्तों में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त गिलोय के पत्तों का रस एक बेहतरीन पावर ड्रिंक के रूप में जाना जाता है गिलोय कई सारी बीमारियों के इलाज में असरदार औषधि है और इसके फायदे की सूची काफी लंबी है।


    गिलोय का पौधा आपकी नजदीकी नर्सरी या किसी स्थानीय जगह पर आसानी से मिल सकता है इसे आपको अपने घर क्या खेत में जरूर लगाना चाहिए।


    क्योंकि ऐसी रामबाण औषधि कभी भी किसी भी समय आपकी सहायता कर सकता है इसलिए आपको इसे जरूर अपने निवास स्थान के आसपास लगाना चाहिए।

    गिलोय के नुकसान

    1. छोटे बच्चों या नवजात शिशु को 250ml से ज्यादा Giloy नहीं देना चाहिए। बच्चों को गिलोय का सेवन करवाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
    2. सर्जरी होने से 2 हफ्ते पहले हार्ट सर्जरी होने के 2 हफ्ते बाद तक गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
    3. यदि आप अर्थराइटिस के रोगी हैं तो गिलोय का सेवन करना नुकसान पहुंचा सकता हैं।
    4. यदि आप कब्ज की समस्या से पीड़ित हैं तो गिलोय का सेवन करने से कब्ज की समस्या बढ़ सकती हैं।
    5. यदि आप Low diabetes patients हैं तो आपको गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
    6.  हाई इम्यूनिटी वाले व्यक्ति को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह Auto immune bodies को और Activate कर देते हैं।

    Conclusion

    हमें उम्मीद है कि आज का यह आर्टिकल पढ़ के आप Giloy Benefits in Hindi के बारे में अच्छे से जान चुके होंगे।


    मित्रों हमारे आयुर्वेद में काफी सारी ऐसी गुणकारी औषधि के बारे में बताया गया है लेकिन समय के साथ साथ आधुनिक उपचार और दवाइयों की ऐसी लत हमें लग चुकी है कि हम इन आयुर्वेदिक दवाइयों के बारे में ज्ञान खो चुके हैं लेकिन हमें इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।


    क्योंकि कभी-कभी आप प्रकृति में हमारे आसपास कई ऐसी जड़ी बूटियों या औषधियों की पैदावार होती है लेकिन अधूरे ज्ञान के चलते हम इसके इस्तेमाल और लाभ से वंचित रह जाते हैं इसलिए हमें इन का ज्ञान होना आवश्यक है।


    आप हमारे वेबसाइट पर विजिट करके स्वास्थ्य से जुड़े ढेरों उपचारों और तरीकों के बारे में जान सकते हैं। अगर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो और यदि स्वास्थ्य से जुड़े किसी भी सवाल से संबंधित जानकारी आप पाना चाहते हैं तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

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