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Supta Vajrasana Benefits in Hindi - सुप्त वज्रासन के फायदे जानिए

आइए जानते हैं Supta Vajrasana Benefits in Hindi आज हम आपको Supta Vajrasana करने का सही तरीका और इससे होने वाले फायदे के बारे में बताने वाले हैं।

Supta Vajrasana Benefits in Hindi - सुप्त वज्रासन के फायदे जानिए

Supta Vajrasana Benefits in Hindi

आइए जानते हैं Supta Vajrasana Benefits in Hindi आज हम आपको Supta Vajrasana करने का सही तरीका और इससे होने वाले फायदे के बारे में बताने वाले हैं।


Supta Vajrasana करने से हमारे शरीर के मेरुदंड को सीधा रखने में हमें सहायता मिलती है जिससे हमारे शरीर का बॉडी Poisure सही रहता है और एक आकर्षक बॉडी हमें मिलती है।


Supta Vajrasana करने से हम अपने शरीर के सभी अंगों को सुरक्षित रख सकते हैं और उन्हें निरोग रख सकते हैं 


    इससे हमारे शारीरिक अंगों पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है और हमें स्वस्थ रखने में योग और आसन का बहुत ही महत्त्व है। इसलिए हर व्यक्ति को योगासन करना चाहिए और इससे होने वाले फायदों का लाभ उठाना चाहिए जो कि हर व्यक्ति के लिए बहुत ही जरूरी है।


    आधी अधूरी जानकारी होने पर हम इसके लाभ को नहीं पा सकते हैं इसलिए हमें हर आसन के योग और महत्व को जानना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर हमें इसके सही अर्थ तथा फायदों के बारे में पता होगा तो हम अन्य व्यक्तियों जैसे घर के सदस्यों और मित्रों को इसके बारे में बता सकते हैं।


    अगर आपके मित्र इसी रोग से ग्रसित हैं तो आप उन्हें इस योगासन के फायदों के बारे में बता सकते हैं।

    सुप्त वज्रासन क्या है (What is Supta Vajrasana)

    Supta Vajrasana जो कि एक संस्कृत भाषा का शब्द है जिसमें सुप्त का अर्थ है सोया हुआ या लेटा हुआ और दूसरे शब्द वज्रासन का अर्थ है मुद्रा यानी आकृति।


    सोए हुए व्यक्ति के समान धारण की गई आकृति को सुप्त वज्रासन के नाम से जाना जाता है आप Supta Vajrasana का अर्थ समझ गए हैं चलिए अब हम इसको करने का सही तरीका जान देते हैं।

    सुप्त वज्रासन कैसे करें

    • सबसे पहले किसी समतल और जहां ताजी हवा आती हो उस जगह का चुनाव करें।
    • उस जगह पर चटाई या फिर योगा मैट फैलाएं।
    • इसके पश्चात वज्रासन की स्थिति में आ जाएं।
    • अगर आप वज्रासन की स्थिति को अच्छे से जाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।
    • वज्रासन की स्थिति में रहते हुए पीछे की तरफ लेट जाएं।
    • पीठ के बल लेटने के बाद अपने दोनों हाथों को सिर के पीछे रखें।
    • ध्यान रखें आपके दोनों पैरों के तलवे आपकी कमर के नीचे रहने चाहिए।
    • अब सांसो का आदान प्रदान करें।
    • जब तक हो सके इस स्थिति में रहे।
    • सुप्त वज्रासन करने में यदि कोई कठिनाई महसूस हो रही हो तो जोर जबरदस्ती और जल्दबाजी बिल्कुल ना करें।

    सुप्त वज्रासन के सही तरीके के बारे में समझने के लिए नीचे दिया गया वीडियो भी से देख सकते हैं सुप्त वज्रासन करने का सही तरीका आप जान चुके हैं चलिए अब हम इसके फायदों के बारे में जान लेते हैं अगर आप सुप्त वज्रासन को अपने जीवन में अपनाना चाहते हैं तो यह बहुत लाभप्रद रहने वाला है।


    अगर आप इस आसन को रोजाना करते हैं तो कमर दर्द और रीढ़ की हड्डियों में होने वाले रोगों से आप बच सकते हैं।


    अगर आप इसके फायदों से भलीभांति परिचित होंगे आप इससे होने वाले फायदों के बारे में अपने मित्रों को भी बता सकते हैं जिससे कि वह इस आसन को करने के लिए प्रेरित हो सकें

    Supta Vajrasana Benefits in Hindi

    पेट की चर्बी को कम करे

    सुप्त वज्रासन को रोजाना करने से मोटापे की समस्या से भी छुटकारा मिलता है क्योंकि आसन को करने पर पेट के ऊपर बल पड़ता है जिससे कि आपकी बॉडी फिट और स्लिम रहती है पेट की चर्बी को घटाने में यह योग आसन बहुत ही फायदेमंद है।

    पीठ की अकड़न को कम करे

    कई लोगों को भारी कार्य करने के पश्चात पीठ में अकड़न रहने की समस्या होती है सुप्त वज्रासन करने से इस समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है।

    पेट के रोगों से मुक्ति मिले

    Supta Vajrasana करने से पेट की समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है कब्ज पेट में जलन अपच बदहजमी पेट के फूलने की समस्याओं से निजात पाने के लिए यह आसन बहुत ही फायदेमंद है।


    जब आप इस आसन को करेंगे तब आपको खुद महसूस होगा कि आपका शरीर लचीला होता जा रहा है किसी भी काम को करने में आपको जरा सी भी कठिनाई महसूस नहीं होगी।


    जब आप Supta Vajrasana कर रहे होते हैं तब आपके घुटनों पर बल पड़ता है जिससे कि घुटने की हड्डियों में मजबूती आती है और घुटनों में अकड़न और दर्द की समस्या भी दूर होती है।

    सुप्त वज्रासन के लिए सावधानियां

    • गर्भवती महिलाओं को Supta Vajrasana नहीं करना चाहिए।
    • जिन लोगों को चक्कर आते हैं और हर्निया गठिया जैसे रोगों से पीड़ित है उन लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
    • हृदय रोग और उच्च रक्तचाप वाले रोग से पीड़ित हैं तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
    • पेट में यदि चोट लगी हो तो Supta Vajrasana नहीं करना चाहिए।
    • गर्दन में मोच या चोट लगी हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
    • अगर पेट की सर्जरी हुई हो इस आसन को नहीं करना चाहिए।
    • कमर दर्द हो तो Supta Vajrasana योग नहीं करना चाहिए।
    • पेट दर्द होने पर Supta Vajrasana नहीं करना चाहिए।
    • अगर घुटनों में दर्द है तब Supta Vajrasana नहीं करना चाहिए।
    • महिलाओं को मासिक धर्म के समय इस आसन को नहीं करना चाहिए।
    • पैर में चोट लगी हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
    • सुप्त वज्रासन योग करते समय अगर ठीक महसूस ना हो तब asana नहीं करना चाहिए।

    Conclusion

    अब आप Supta Vajrasana Benefits in Hindi के बारे में अच्छे से जान चुके हैं यदि आपके मन में कोई सवाल हो या फिर आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा इसके बारे में जरूर कमेंट करके बताएं। आप योग और आसन से संबंधित सारी हिंदी टिप्स हमारे वेबसाइट पर आ सकते हैं।

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