नेपाल राष्ट्रपति ने पार्टियों से मार्च 2026 में शांतिपूर्ण चुनाव कराने की अपील की

नेपाल की राजनीति इन दिनों एक अहम मोड़ पर खड़ी है। नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने देश की सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील की है
कि वे मिलजुलकर आगामी प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) के चुनाव को सफल बनाएं। यह चुनाव 5 मार्च 2026 को होने वाले हैं और पूरे देश की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि कठिन परिस्थितियों और लंबे संघर्षों के बाद आखिरकार नेपाल में शांति और स्थिरता की स्थिति बनी है। उनका कहना था – “संविधान बचा हुआ है, संसदीय प्रणाली कायम है और संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य आज भी मजबूती से खड़ा है।”
उन्होंने सभी दलों से अपील की कि जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए यह चुनाव समय पर और शांतिपूर्ण माहौल में कराए जाएं।
नेपाल की जनता लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार और विरोध प्रदर्शनों से गुजर रही है। हाल ही में हुए Gen Z प्रदर्शन इसका बड़ा उदाहरण रहे, जिसमें युवाओं ने सड़क पर उतरकर भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज उठाई।
नेपाल सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, केवल दो दिन चले इन प्रदर्शनों में 51 लोगों की मौत हुई और हजारों घायल हुए।
प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने हाल ही में काठमांडू स्थित नेशनल ट्रॉमा सेंटर और सिविल सर्विस हॉस्पिटल का दौरा किया, जहां प्रदर्शन में घायल हुए युवाओं का इलाज चल रहा है। वहां मौजूद युवाओं ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उम्मीद जताई कि आने वाली पीढ़ी को दोबारा सड़कों पर उतरना न पड़े।
प्रधानमंत्री कार्की ने वादा किया कि सरकार पूरी कोशिश करेगी कि देश में बदलाव आए और युवाओं का भरोसा बना रहे।
प्रदर्शन और तबाही
नेपाल में हुए इन प्रदर्शनों ने राजनीतिक व्यवस्था को गहराई तक हिला दिया। काठमांडू के सिंह दरबार (Singha Durbar) स्थित प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद का दफ्तर दूसरे दिन के प्रदर्शन में आगजनी का शिकार हो गया।
पांच दिन बीत जाने के बाद भी पश्चिमी हिस्से में आग पूरी तरह बुझाई नहीं जा सकी थी। फिलहाल प्रधानमंत्री के लिए नया अस्थायी कार्यालय गृह मंत्रालय की इमारत में तैयार किया जा रहा है।
चुनाव का महत्व
नेपाल के मार्च 2026 में होने वाले चुनाव न केवल देश की राजनीति को स्थिर करने के लिए अहम हैं, बल्कि यह जनता के विश्वास को वापस पाने का भी बड़ा मौका हैं। राष्ट्रपति पौडेल ने साफ किया कि यह चुनाव जनता और लोकतंत्र दोनों के लिए “टर्निंग पॉइंट” साबित होंगे।
नेपाल में हालिया घटनाओं से साफ है कि जनता अब बदलाव चाहती है। यदि चुनाव सही तरीके से, पारदर्शिता और शांति के साथ कराए जाते हैं, तो यह लोकतंत्र को नई मजबूती देंगे।
नतीजा
नेपाल आज एक ऐसे मोड़ पर है जहां हर कदम मायने रखता है। चुनाव के नतीजे सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि देश के भविष्य की दिशा तय करेंगे। राष्ट्रपति की अपील और प्रधानमंत्री के वादे तभी सार्थक होंगे जब सभी राजनीतिक दल ईमानदारी से चुनाव को सफल बनाएंगे।