नवरात्रि 2025 में दुर्गा सप्तशती पाठ विधि: कब और कैसे करें, जानें पूरी आसान गाइड | Newsmeto

नवरात्रि 2025 में दुर्गा सप्तशती पाठ विधि: कब और कैसे करें, जानें पूरी आसान गाइड


file 000000004c2861fabc651b3453d3b6766158288724701360309
Durga saptami

दुर्गा सप्तशती पाठ विधि: नवरात्रि में कब और कैसे करें पाठ?

परिचय

नवरात्रि का पर्व शक्ति की उपासना का विशेष समय माना जाता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है।

ऐसा कहा जाता है कि सप्तशती का पाठ करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मां की कृपा सहज ही प्राप्त होती है। लेकिन कई लोगों के मन में प्रश्न रहता है कि दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करें? कौन से नियमों का पालन करना आवश्यक है? और अगर रोज पूरा पाठ न हो सके तो क्या करें?

इस लेख में हम आपको दुर्गा सप्तशती पाठ की सही विधि, नियम और अध्याय-विभाजन विस्तार से बताएंगे।


दुर्गा सप्तशती पाठ से पहले आवश्यक बातें

  1. ग्रंथ का चयन
    • संस्कृत जानने वाले गीता प्रेस गोरखपुर से प्रकाशित संस्कृत ग्रंथ लें।
    • यदि संस्कृत उच्चारण में कठिनाई है तो हिंदी अनुवाद वाला ग्रंथ लें।
  2. ग्रंथ की देखभाल
    • पुस्तक को कभी भी खाली न रखें।
    • हमेशा किसी स्वच्छ कपड़े (रेशमी/पीला/लाल वस्त्र) में लपेटकर रखें।
    • पढ़ते समय उसे रहल (पुस्तक स्टैंड) पर ही रखें।
  3. पूजा और संकल्प
    • कलश स्थापना और माता की पूजा के बाद ग्रंथ का पूजन करें।
    • हाथ में जल-पुष्प लेकर संकल्प लें।
    • संकल्प में अपनी मनोकामना या निष्काम भाव से मां की कृपा हेतु पाठ का उद्देश्य बोलें।

दुर्गा सप्तशती पाठ की विधि

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

पाठ का प्रारंभ और समापन विशेष मंत्रों एवं स्तोत्रों से करना आवश्यक है।

1. प्रारंभिक मंत्र

पाठ शुरू करने से पहले तीन मंत्र 7-7 बार जपें:

  • शापोद्धार मंत्र
  • उत्कीलीन मंत्र
  • मृत संजीवनी मंत्र

2. प्रारंभिक स्तोत्र

  • देवी कवच
  • अर्गला स्तोत्र
  • कीलक स्तोत्र
  • तंत्रोक्त रात्रि सूक्त
  • नवाण मंत्र जप (1 माला / 11 / 21 बार)

3. अध्याय पाठ

  • संकल्प अनुसार पूरा या आंशिक अध्याय पढ़ें।

4. समापन विधि

  • प्रारंभिक तीनों मंत्र पुनः 7-7 बार जपें।
  • नवाण मंत्र जप करें।
  • तंत्रोक्त देवी सूक्त का पाठ करें।
  • क्षमा प्रार्थना और आरती के साथ पाठ समाप्त करें।

अध्याय विभाजन (यदि रोज पूरा पाठ संभव न हो)

  • पहला दिन – 1वां अध्याय
  • दूसरा दिन – 2वां और 3वां अध्याय
  • तीसरा दिन – 4वां अध्याय
  • चौथा दिन – 5वां, 6वां, 7वां और 8वां अध्याय
  • पांचवां दिन – 9वां और 10वां अध्याय
  • छठा दिन – 11वां अध्याय
  • सातवां दिन – 12वां और 13वां अध्याय

👉 इस प्रकार सात दिनों में पूरा पाठ सम्पन्न हो जाता है।
👉 आठवें और नौवें दिन भक्त रहस्य पाठ, सिद्ध कुंजिका स्तोत्र, दुर्गा अष्टोत्तर नामावली या मंत्र जप कर सकते हैं।

यह आर्टिकल भी पढ़े : इस साल शारदीय नवरात्रि कब है


दुर्गा सप्तशती पाठ के लाभ

  • मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
  • साधक के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा और बाधाएं दूर होती हैं।
  • विशेष मनोकामना पूर्ण होती है।
  • घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

निष्कर्ष

नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विशेष महत्व है। चाहे आप प्रतिदिन पूरा पाठ करें या फिर अध्यायों को विभाजित करके सात दिनों में पूर्ण करें, भक्ति और श्रद्धा भाव सबसे आवश्यक है। सही विधि से नियमपूर्वक पाठ करने पर मां दुर्गा अवश्य प्रसन्न होती हैं और साधक को आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

जय माता दी


Leave a Comment