85 लाख छात्रों का भविष्य खतरे में - SSC और अन्य परीक्षाओं में धांधली का सच

भारत में सरकारी नौकरी (government job) की तैयारी करने वाले लाखों युवाओं के लिए SSC Phase 13 परीक्षा एक बड़ा मौका होती है। लेकिन हाल ही में जो घटनाएँ स

SSC Exam Scandal: पेपर लीक और सिस्टम की नाकामी से परेशान युवा

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भारत में सरकारी नौकरी (government job) की तैयारी करने वाले लाखों युवाओं के लिए SSC Phase 13 परीक्षा एक बड़ा मौका होती है। लेकिन हाल ही में जो घटनाएँ सामने आई हैं, उन्होंने न केवल इन युवाओं की उम्मीदों को तोड़ा है, बल्कि देश की परीक्षा प्रणाली (exam system) पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

परीक्षा रद्द, सपने अधूरे

ऐसे कई छात्र हैं जो 400–500 किलोमीटर तक सफर करके परीक्षा केंद्र (exam center) पहुँचे, लेकिन वहाँ पहुँचने पर उन्हें यह सुनने को मिला कि उनकी परीक्षा रद्द हो गई है। इसका कारण था – पेपर लीक (paper leak) और परीक्षा प्रणाली में खामी। इतना लंबा सफर, मेहनत और समय, सबकुछ व्यर्थ चला गया।

यह सिर्फ एक परीक्षा की बात नहीं है, बल्कि यह एक पूरे सिस्टम की असफलता को दर्शाता है। हर बार यही कहा जाता है कि जांच होगी, कार्रवाई होगी, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं होता।


पिछले 10 सालों में 80+ परीक्षाएं प्रभावित

बीते 10 वर्षों में NEET, UGC-NET, UPPSC, BPSC, और कई Board Exams में भी पेपर लीक और गड़बड़ी के मामले सामने आ चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल ही 85 लाख से ज़्यादा छात्र इस तरह की धोखाधड़ी से प्रभावित हुए हैं।

हर बार सरकार बड़ी-बड़ी बातें करती है – transparency और recruitment reform की, लेकिन असल में ना तो कोई ठोस कदम उठाया जाता है और ना ही दोषियों को सज़ा मिलती है।


परीक्षा माफिया और सिस्टम का गठजोड़?

Rahul Gandhi जैसे कई नेता यह आरोप लगा चुके हैं कि यह सब कुछ सरकार की लापरवाही, प्रशासनिक भ्रष्टाचार (administrative corruption), और परीक्षा माफिया (exam mafias) के गठजोड़ का नतीजा है। कोई भी परीक्षा हो, जैसे ही पेपर लीक होता है, छात्रों का मनोबल टूट जाता है।

यह सिर्फ एक परीक्षा का नुकसान नहीं है, बल्कि एक पूरी पीढ़ी के सपनों और आत्मविश्वास को चोट पहुँचती है।


सरकार की ज़िम्मेदारी तय हो

हर साल करोड़ों छात्र competitive exams की तैयारी करते हैं, कोचिंग में पैसे खर्च करते हैं, परिवार से दूर रहकर मेहनत करते हैं। जब बार-बार परीक्षा रद्द होती है या पेपर लीक होता है, तो न सिर्फ उनका समय बर्बाद होता है, बल्कि उनका भरोसा भी सिस्टम से उठ जाता है।

अब वक्त आ गया है कि सरकार केवल जांच के नाम पर बयान देने के बजाय ठोस एक्शन ले:

  • Paper leak के मामलों में fast-track कोर्ट के ज़रिए सख्त सज़ा दी जाए

  • Exams के conduction के लिए तकनीकी सुधार (technical improvements) लाए जाएं

  • एक centralized monitoring system बनाया जाए जो हर exam process को track करे


छात्र क्या करें?

छात्रों को भी अब सतर्क रहना होगा। किसी भी exam update को केवल official website पर ही देखें। कोई भी गलत जानकारी या suspicious activity तुरंत संबंधित आयोग को रिपोर्ट करें। साथ ही, सोशल मीडिया पर एकजुट होकर अपनी बात सरकार तक पहुँचाना भी ज़रूरी है।


SSC Phase 13 जैसी घटनाएँ यह दिखाती हैं कि भारत की परीक्षा प्रणाली में गंभीर सुधारों की ज़रूरत है। युवाओं का समय, पैसा और सपने इन गड़बड़ियों की भेंट चढ़ रहे हैं। जब तक सरकार transparency, accountability और strict monitoring नहीं अपनाएगी, तब तक ये समस्याएं बनी रहेंगी।


आपकी राय?

क्या आपको लगता है कि सरकारी परीक्षा प्रणाली में सुधार जरूरी है?
क्या आपने भी कभी ऐसी किसी परीक्षा में हिस्सा लिया है जो रद्द हो गई हो?
नीचे कमेंट करके जरूर बताएं और इस लेख को ज्यादा से ज्यादा छात्रों तक शेयर करें।

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